Asar ki 4 Rakat Farz namaz Padhne Ka Sahi Sunni Tarika
Namaaz पढ़ना एक ज़रूरी हिस्सा है हर मुसलमान के रोज़े ज़िंदगी का। इस वेबसाइट पर हम आपzzको लेकर आये हैं
"Asar ki 4 Rakat Farz Namaz Padhne Ka Sahi Sunni Tarika" यहां आपको कुरान, हदीस और इस्लामी किताबों से सही पढ़ा जाएगा और मुकम्मल method से Salah पढ़ने की रौशनी मिलेगी।
Asr जैसे नमाज़ के सही वक़्त का पता लगाना, Solat की तड़प और हर क़दम की दुआओं को समझना, हमारा मकसद है आपको हर तरीके से मदद करना।
चलिए, इस पाक अमल को समझते हैं और अपनी रूहानियत में इज़ाफ़ा करते हैं, एक आसान और समझने में आने वाला ज़ुबान में।
Asar ki 4 Rakat Farz namaz Padhne Ka Sahi Sunni Tarika
1. नमाज़ की तैयारी:
- अपने जिस्म और कपड़े को पाक साफ़ रखें।
- नमाज पढ़ने के लिए साफ जगह चुनें।
2. नमाज़ की नियत का तरीका:
- दिल में नियत करें कि "मैं असर की 4 रकात फ़र्ज़ नमाज़, अल्लाह के लिए क़याम कर रहा हूँ।"
- नियत का तरीका : "नियत करता हूँ मैं असर की 4 रकात फ़र्ज़ नमाज अदा करने की, अल्लाह के लिए, मुँह मेरा काबा-ए-शरीफ के तरफ, पिच इस इमाम , वास्ते अल्लाह ताला के, अल्लाह हु अकबर। "
3. पहली रकात:
तकबीर-ए-तहरीमा (सलाह की शुरुआत):
- दोनों हाथ कान तक उठाकर, नाफ के नीचे बांध "अल्लाहु अकबर" कहकर नमाज़ शुरू करें।
सना (सुभानकल्लाहुम्मा...):
- "सुभानकल्लाहुम्मा वा बिहम्दिका, वा तबारकस्मुका, वा ता'आला जद्दुका, वा ला इलाहा ग़यरुका।"
क़िरात (कुरान का पाठ):
- सूरह अल-फ़ातिहा और एक लम्बी सूरह पढ़ें, जैसे सूरह अल-बक़रा का छोटा हिस्सा।
रुकू (झुकना):
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- "अल्लाहु अकबर" कहकर रुकू में जाएं और "सुभाना रब्बियाल अधीम" तीन बार पढ़ें।
क़ौमा (रुकू के बाद खड़ा होना):
- रुकू से उठकर "समी अल्लाहु लिमन हमीदा, रब्बाना लकल हम्द" पढ़ें।
सजदा (प्रणाम):
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- "अल्लाहु अकबर" कह कर सजदा करें।
- हर सजदा में "सुभाना रब्बियाल अला" तीन बार पढ़ें।
4. दूसरी रकात:
- तकबीर-ए-तहरीमा (दूसरी रकात की शुरुआत):
- दूसरी रकात में भी "अल्लाहु अकबर" कहकर Salat शुरू करें।
सना (सुभानकल्लाहुम्मा...):
- वही सूरत पढ़ीं जो पहली रकात में पढ़ी थी।
क़िरात (कुरान का पाठ):
- सूरह अल-फ़ातिहा और एक और सूरह पढ़ें, जैसे सूरह अल-इमरान का छोटा हिस्सा।
रुकू (झुककर):
- रुकू और सजदा की तरह पहली रकात में किया गया है।
क़ौमा (रुकू के बाद खड़े होकर):
- वही तरीका अपनाएँ जो पहली रक़त में किया था।
सजदा (प्रणाम):
- दो सजदा करके "सुभाना रब्बियाल अला" तीन बार पढ़ें।
5. तीसरी रकात:
- तकबीर-ए-तहरीमा (तीसरी रकात की शुरुआत):
- तीसरी रकात में भी "अल्लाहु अकबर" कहकर नमाज़ शुरू करें।
सना (सुभानकल्लाहुम्मा...):
- वही सूरत पढ़ीं जो पहली रकात में पढ़ी थी।
क़िरात (कुरान का पाठ):
- सूरह अल-फ़ातिहा और एक और सूरह पढ़ें, जैसे सूरह अन-निसा का छोटा हिस्सा।
रुकू (झुककर):
- रुकू और सजदा की तरह पहली रकात में किया गया है।
क़ौमा (रुकू के बाद खड़े होकर):
- वही तरीका अपनाएँ जो पहली रक़त में किया था।
सजदा (प्रणाम):
- दो सजदा करके "सुभाना रब्बियाल अला" तीन बार पढ़ें।
6. चौथी रकात:
- तकबीर-ए-तहरीमा (चौथी रकात की शुरुआत):
- चौथी रकात में भी "अल्लाहु अकबर" कहकर नमाज़ शुरू करें।
सना (सुभानकल्लाहुम्मा...):
- वही सूरत पढ़ीं जो पहली रकात में पढ़ी थी।
- सूरह अल-फ़ातिहा और एक और सूरह पढ़ें, जैसे सूरह अल-माइदा का छोटा हिस्सा।
रुकू (झुककर):
- रुकू और सजदा की तरह पहली रकात में किया गया है।
क़ौमा (रुकू के बाद खड़े होकर):
- वही तरीका अपनाएँ जो पहली रक़त में किया था।
सजदा (प्रणाम):
- दो सजदा करके "सुभाना रब्बियाल अला" तीन बार पढ़ें।
7. तशह्हुद:
चौथी रकात के बाद बैठकर तशह्हुद पढ़ें:
- "अत्तहियातु लिल्लाहि, व'सलावतु, व'तय्यिबत, अस्सलामु अलैका अय्युहान-नबियु व रहमतुल्लाहि व बरकातुह, अस्सलामु अलैना व 'अला 'इबादिल्लाहिस-सालिहीन।"
8. तशह्हुद के बाद दुआ:
- अपनी ज़रूरत के मुताबिक दुआ मांगें, जैसे "अल्लाहुम्मा इन्नी अस्'अलुका..." और अपने हक़ और दूसरों के लिए भी दुआ करें।
9. सलाम (सलाह का समापन):
- दोनों तरफ से "अस्सलामु अलैकुम वा रहमतुल्लाह" पढ़कर नमाज़ को ख़त्म करें।
इस तरह असर की 4 रकात फर्ज नमाज़ पढ़ने का सही तरीका सुन्नी मुकम्मल तौर पर अदा करें, अल्लाह की रजा और बरकत के लिए।
Conclusion: Asar ki 4 Rakat Farz Salat Padhne Ka Sahi Sunni Tarika
आखिरी में, "असर की 4 रकात फर्ज Salah" का तरीका सिर्फ एक इबादत का फैसला नहीं है, लेकिन यह एक गहरा रिश्ता और बंधन है खुदा से। इस वेबसाइट की मदद से, आप नमाज़ की सही शुरुआत और आदत को सिर्फ समझते नहीं हैं, बल्कि अपने रोज़ाना की ज़िंदगी में भी उसको शामिल करते हैं। हर नमाज़ को दिल से अदा करें, जानें कि हर पल नमाज़ में बरकत और खुशियाँ लाता है। आज ही अपनी रूहानी यात्रा की शुरुआत करें, 'Asar ki 4 Rakat Farz Namaz Padhne Ka Sahi Sunni Tarika के साथ।
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