Awwabin Namaz ka Padhne Ka Sahi Sunni Tarika In Hindi
अव्वबिन नमाज़ एक ख़ास नफ़्ल (स्वैच्छिक) नमाज़ है जो मगरिब की Namaj के बाद पढ़ी जाती है। यह Namaaz तौबा और शुक्राने के लिए पढ़ी जाती है और गुनाहों की माफ़ी और अल्लाह से करीब होने की एक ज़रूरत है।
अव्वलिन Salah मगरिब की Namaj के तुरन्त बाद ईशा की Sholawat के वक़्त तक पढ़ी जा सकती है। इसमें 6 रकात होती हैं जो 2-2 रकात के सेट में पढ़ी जाती हैं। "Awwabin " का मतलब है "वो लोग जो अल्लाह की तरफ़ तौबा करते हैं।"
क्या Salat को पढ़ने से कई बरकतें और रूहानी फ़ायदे मिलते हैं, जैसे कि बंदे के तौबा और इबादत को दर्शन देना।
आप यहाँ इस साइट पर "Awwabin Namaz ka Padhne Ka Sahi Sunni Tarika" step by step, In Hindi Main आसन लफ़्ज़ों में सीख सकते हैं, और Prayer के बाद दुआ तरीके के साथ सही और मुकम्मल इबादत कर सकते हैं।
Awwabin Namaz ka Padhne Ka Sahi Sunni Tarika In Hindi
1. Namaz Ke Pahle
वक्त: अव्वाबिन नमाज मगरिब नमाज के तुरन्त बाद ईशा नमाज के वक्त तक पढ़ी जा सकती है।
रकात: इसमें 6 रकात होती हैं। ये 2-2 रकात के सेट में पढ़ी जाती है।
अहमियत: "अव्वाबिन" का मतलब है "वो लोग जो अल्लाह की तरफ़ तौबा करते हैं।" यह नमाज गुनाहों की माफ़ी है और अल्लाह से करीब होने के लिए पढ़ी जाती है।
फजीलत: क्या नमाज़ को पढ़ने से कई बरकतें और रूहानी फायदे मिलते हैं, क्योंकि यह नमाज़ बंदे के तौबा और इबादत को नजरंदाज करती है।
2. Namaz Ki Tayyari (नमाज़ की तैयारी)
नमाज़ अदा करने से पहले तैयारी करें:
ग़ुस्ल (शुद्धिकरण): जिस्म को पाक करने के लिए ग़ुस्ल करें।
वुज़ू (स्नान): वुज़ू की नीयत करें और हाथ, मुँह, नाक, चेहरा, बाज़ू, सर को मसलें और पाँव तक पानी से धोएँ।
कपड़े: साफ और पाक कपड़े पहनें। जगा: साफ जगह चुनने नमाज पढ़ने के लिए।
3. Namaz Ki Niyat Ka Tarika
नमाज़ के लिए नीयत ज़रूरी है। दिल में ये नीयत करें कि आप अव्वल नमाज़ पढ़ेंगे अल्लाह की रजा के लिए।
Namaz Ki Niyat Ka Tarika: मैं नियत करता/करती हु दो रकत नफिल नमाज़ अव्वाबिन की वास्ते अल्लाह ताला के मुँह मेरा काबा शरीफ की तरफ।
4. Pehli Rakat (पहली रकात)
तकबीर-ए-तहरीमा:
हाथ कानो तक उठाएँ और "अल्लाहु अकबर" कहकर हाथ बाँधें।
सनाः
"सुभानकल्लाहुम्मा वा बिहम्दिका, वा तबरकास्मुका, वा ता'आला जद्दुका, वा ला इलाहा ग़यरुका।"
क़िरात:
सूरह अल-फ़ातिहा पढ़ें: "बिस्मिल्लाह हिर-रहमान निर-रहीम। अल्हम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन..."
फिर कोई और सूरह पढ़ें, जैसे सूरह अल-इखलास।
रुकू (झुकना):
"अल्लाहु अकबर" कहकर रुकू में जाएं और "सुभाना रब्बियाल अधीम" तीन बार पढ़ें।
क़ौमा (रुकू के बाद खड़ा होना):
रुकू से उठकर "समी अल्लाहु लिमन हमीदा, रब्बाना लकल हम्द" पढ़ें।
सजदा :
"अल्लाहु अकबर" कहकर सजदा में जाएं और "सुभाना रब्बियाल अला" तीन बार पढ़ें।
जलसा (बैठने की जगह): थोड़ी देर के लिए बैठें और "अल्लाहु अकबर" कहकर दूसरा सजदा करें। दूसरा सजदा में फिर से "सुभाना रब्बियाल आला" तीन बार पढ़ें।
5. Dusri Rakat (दूसरी रकात)
तकबीर-ए-तहरीमा:
हाथ कानो तक उठाएँ और "अल्लाहु अकबर" कहकर हाथ बाँधें।
क़िरात:
सूरह अल-फ़ातिहा पढ़े: "बिस्मिल्लाह हिर-रहमान निर-रहीम। अल्हम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन..."
फिर कोई और सूरह पढ़े, जैसे सूरह अल-नस्र।
रुकू (झुकना):
"अल्लाहु अकबर" कहकर रुकू में जाएं और "सुभाना रब्बियाल अधीम" तीन बार पढ़ें।
क़ौमा (रुकू के बाद खड़ा होना):
रुकू से उठकर "समी अल्लाहु लिमन हमीदा, रब्बाना लकल हम्द" पढ़ें।
सजदा (प्रणाम):
"अल्लाहु अकबर" कहकर सजदा में जाएं और "सुभाना रब्बियाल अला" तीन बार पढ़ें।
जलसा (बैठने की जगह): थोड़ी देर के लिए बैठें और "अल्लाहु अकबर" कहकर दूसरा सजदा करें। दूसरा सजदा में फिर से "सुभाना रब्बियाल आला" तीन बार पढ़ें।
6. तशह्हुद (बैठकर पढ़ना)
दूसरी सजदा के बाद बैठ जाएँ और ये पढ़ें:
अत्तहियात: "अत्तहियातु लिल्लाहि व-सलावतु वत-तय्यिबत। अस-सलामु अलयका अय्युहान-नबियु वा रहमतुल्लाहि वा बरकातुह। अस-सलामु अलयना वा अला ' इबादिल्लाहिस-सालिहीन। अशहदु अन ला इलाहा इल्लल्लाह वा अशहदु अन्ना मुहम्मदन अब्दुहु वा रसूलुह।"
सलात-ए-इब्राहिम: "अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदीन वा अला अली मुहम्मदीन काम सल्लायता अला इब्राहिमा वा अला अली इब्राहिमा इन्नाका हमीदुम मजीद। अल्लाहुम्मा बारिक अला मुहम्मदीन वा अला अली मुहम्मदीन काम बरकता अला इब्राहिमा वा अला अली इब्राहीमा इन्नाका हमीदुम मजीद।"
रब्बाना अतीना: "रब्बाना अतीना फ़िद-दुनिया हसनतन वा फ़िल-आख़िरती हसनतन वा क़िना 'अदबन-नार।"
7. सलाम (Salam Ka Tarika)
दुआ के बाद अपनी दहिनी तरफ़ से मुन्ह फ़ेरेन और "अस्सलामु अलैकुम वा रहमतुल्लाह" पढें, फिर भी बायनी तरफ फेर कर भी यही पढें।
8. Namaz Ke Baad Ki Dua
नमाज़ के बाद अल्लाह से अपनी दुआएँ माँगें और शुक्रिया अदा करें:
"अस्तगफिरुल्लाह" तीन बार पढ़ें।
"अल्लाहुम्मा अन्तस-सलाम व मिनकस-सलाम तबारकता या ज़हल-जलाली वल-इकराम।"
Awwabin Namaz ka Padhne Ka Sahi Sunni Tarika In Hindi
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