Chasht Namaz ka Padhne Ka Sahi Sunni Tarika
अस्सलामुअलैकुम! मेरा नाम इरफान शेख है और मुझे ब्लॉगिंग का काफी साल का ताजुर्बान है। इस वेबसाइट पर आपको "Chasht Namaz ka Padhne Ka Sahi Sunni Tarika" के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी।
हम यहां आसन और सीधी जुबान में बताते हैं कि नमाज कैसे पढ़ी जाती है, चाहे वो सुबह की फज्र की Namaj हो, जोहर की Namaaz , असर की Solat , मगरिब की नमाज या ईशा की Salat ।
चाश्त की Salah , जो सुबह फजर और जौहर के दर्मियान पढ़ी जाती है, इसमें 2, 4, 6, या 8 रकात तक पढ़ी जा सकती हैं।
यहां आपको हर रक़त का तरीका, समय और दुआएं स्टेप बाय स्टेप हिंदी में समझ जाते हैं। चश Prayer की फजीलत और उसके समय का भी जिक्र मिलेगा।
Chasht Namaz ka Padhne Ka Sahi Sunni Tarika
Namaz Ka Waqt (Timing):
- चाश्त की नमाज़ सुबह फजर और जौहर के दरमियान पढ़ी जाती है। इसका बेहतर वक्त सूरज के निकलने वक्त के बाद से लेकर लगभग दोपहर से पहले तक होता है।
Namaz Ki Rakat:
- आप 2, 4, 6 या 8 रकात तक नमाज़ पढ़ सकते हैं।
Namaz Ki Tayyari:
- वुज़ू (cleaning): नमाज़ के लिए पाक होना ज़रूरी है।
- पहले हाथ धोए, फिर मुंह और नाक धोए, फिर चेहरा, हाथ, सर का मसला और पांव तक पानी से धोए।
- कपड़े और जगह: साफ कपड़े पहनें और साफ जगह का इंतेखाब करें।
Namaz Ki Niyat Ka Tarika:
- नियत करें: "नियत करता हूँ 2 (जितनी रक़त पढ़ना चाहते हैं) रक़त चाश्त की नफिल नमाज़, अल्लाह के लिए, मुँह मेरा काबा शरीफ़ की तरफ़ करके।"
पहली रकात का तरीका - Pehli Rakat Ka Tarika
तकबीर-ए-तहरीमा: हाथ कान तक उठाएँ और "अल्लाहु अकबर" कहकर हाथ बाँध लें।
सना: "सुभानकल्लाहुम्मा वा बिहम्दिका, वा तबारकस्मुका, वा ता'आला जद्दुका, वा ला इलाहा ग़यरुका।"
क़िरात: सूरह अल-फ़ातिहा पढ़ें, फिर कोई और सूरह, सूरह इख़लास पर आम तोर।
रुकू: "अल्लाहु अकबर" कहकर रुकू में जाएं, और "सुभाना रब्बियाल अधीम" तीन मर्तबा पढ़ें।
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क़ौमा: रुकू से उठकर "समी अल्लाहु लिमन हमीदा, रब्बाना लकल हम्द" कह कर सीधे खड़े हो जाएँ।
सजदा:
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- पहला सजदा: "अल्लाहु अकबर" कहकर सजदा में जाएं, और "सुभाना रब्बियाल अला" तीन मर्तबा पढ़ें।
- जलसा: "अल्लाहु अकबर" कह कर बैठ जाएँ।
- दूसरा सजदा: "अल्लाहु अकबर" कहकर फिर से सजदा में जाएं, और "सुभाना रब्बियाल अला" तीन मर्तबा पढ़ें।
दूसरी रकात का तरीका - Dusri Rakat Ka Tarika:
तकबीर-ए-तहरीमा: हाथ कान तक उठाएँ और "अल्लाहु अकबर" कहकर हाथ बाँध लें।
क़िरात: सूरह अल-फ़ातिहा पढ़ें, फिर कोई और सूरह, सूरह इख़लास पर आम तोर।
रुकू: "अल्लाहु अकबर" कहकर रुकू में जाएं, और "सुभाना रब्बियाल अधीम" तीन मर्तबा पढ़ें।
क़ौमा: रुकू से उठकर "समी अल्लाहु लिमन हमीदा, रब्बाना लकल हम्द" कह कर सीधे खड़े हो जाएँ।
सजदा:
- पहला सजदा: "अल्लाहु अकबर" कहकर सजदा में जाएं, और "सुभाना रब्बियाल अला" तीन मर्तबा पढ़ें।
- जलसा: "अल्लाहु अकबर" कह कर बैठ जाएँ।
- दूसरा सजदा: "अल्लाहु अकबर" कहकर फिर से सजदा में जाएं, और "सुभाना रब्बियाल अला" तीन मर्तबा पढ़ें।
तशह्हुद:
दूसरे सजदे के बाद बैठ जाएँ और तशह्हुद पढ़ें:
- "अत्तहियातु लिल्लाहि व'स-सलावतु व'त-तय्यिबत। अस्सलामु अलैका अय्युहन्नाबियु व रहमतुल्लाहि व बरकातुह। अस्सलामु अलयना व 'अला इबादिल्लाहिस-सालिहीन। अश्हदु अल्ला इलाहा इल्लल्लाह व अश्हदु अन्ना मुहम्मदन अब्दुहु वा रसूलुह।" दुरूद-ए-इब्राहिमी:
- "अल्लाहुम्मा सल्ली अला मुहम्मद वा अला आली मुहम्मद काम सल्लैता अला इब्राहिमा वा अला आली इब्राहिमा इन्नाका हमीदुम मजीद। अल्लाहुम्मा बारिक अला मुहम्मद वा अला आली मुहम्मद काम बरकता अला इब्राहिमा वा अला आली इब्राहीमा इन्नाका हमीदुम मजीद।"
दुआ:
- "रब्बाना अतीना फ़िद-दुनिया हसनतन वा फ़िल-आख़िरती हसनतन वा क़िना 'अदबन-नार।"
सलाम:
- पहली दहिनी तरफ़ देखें और "अस्सलामु अलैकुम वा रहमतुल्लाह" केहकर सलाम फेरे ।
- फिर बयाँनी तरफ़ देखें और "अस्सलामु अलैकुम वा रहमतुल्लाह" केहकर सलाम फेरीन।
Namaz Ke Baad Ki Dua:
- "अस्तगफिरुल्लाह" तीन मर्तबा।
- "अल्लाहुम्मा अन्तस-सलामु व मिनकस-सलाम, तबारकता या धल-जलाली वल-इकराम।"
- "सुभानअल्लाह" 33 मर्तबा, "अल्हम्दुलिल्लाह" 33 मर्तबा, और "अल्लाहु अकबर" 34 मर्तबा।
इस तारीख से आप चाश्त की नमाज़ मुकम्मल अदा कर सकते हैं। उम्मीद है यह मुकम्मल गाइड आपके लिए मददगार होगी। अपनी दुआओं में याद रखें और अगर यह मालूम आपको पसंद आए तो जरूर शेयर करें।
Chasht Namaz ka Padhne Ka Sahi Sunni Tarika
उम्मीद है कि इस वेबसाइट से आपको "Chasht Namaaz पढ़ने का सही सुन्नी Method " के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी।
यहाँ हमें नमाज़ कैसे पढ़नी जाती है, कितनी रकात होती हैं, Namaj में कोन-कोन से आयतें पढ़ी जाती हैं, फ़र्ज़ Solat कैसे पढ़ जाती हैं, रुकू और सजदे में क्या पढ़ जाती हैं,
और Salat पढ़ने के बाद क्या करना चाहिए, सब कुछ तफ़सील से बताया है. चश Salah का सही वक़्त और उसकी खून की तड़प भी बताई गई है।
मेरा मकसद यह है कि हर मुसलमान आसनी से Prayer समझ कर अदा कर सके। अपनी दुआओं में याद रखें और अगर आपको यह साइट पसंद आए तो जरूर शेयर करें।
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