Fajar ki 2 Rakat SUnnat namaz Padhne Ka Sahi Sunni Tarika
अस्सलामु अलैकुम! हमारी वेबसाइट पर आपको खुशखबरी है जो "Fajar ki 2 Rakat Sunnat Namaz Padhne Ka Sahi Sunni Tarika" पर मुकम्मल गाइड पेश करती है।
यहां आपको हर namaz, jaise Fajar, Asar, Maghrib, Isha और Johar का सही तरीका, rakat और timings के साथ, आसन और साधारण अल्फाज में समझा जाता है।
Namaz padhne, namaz kaise padhi jaati hai, और नमाज के बाद क्या करना चाहिए, सब कुछ यहां मुकम्मल तौर पर समझा गया है।
मेरा नाम इरफान शेख है और मुझे ब्लॉगिंग का 5 साल का ताजुर्बान है।
मैं कुरान, हदीस और इस्लामी किताबों से पूरी नमाज कैसे पढ़ता हूं और हर रुकू और सजदे में क्या पढ़ना चाहिए, इसकी मालूमात शेयर करता हूं।
Fajar ki 2 Rakat SUnnat namaz Padhne Ka Sahi Sunni Tarika
नमाज़ की तैयारी
![]() |
fajar-ki-2-rakat-sunnat-namaz-padhne-ka-sahi-sunni-tarika |
- वुज़ू: नमाज़ से पहले वुज़ू करना ज़रूरी है।
- पाक कपड़े: साफ और पाक कपड़े पहनें।
- जाये नमाज़: साफ जगह पर नमाज़ अदा करें।
- नमाज़ का समय : फजर की नमाज़ का समय सुबह सादिक (भोर) से लेकर सूरज निकलने तक होता है।
नमाज़ की नीयत का तरीका
- नियत: दिल में नीयत करें कि "मैं 2 रकात फजर की सुन्नत नमाज़ पढ़ता/पढ़ती हूँ अल्लाह के लिए।"
- नियत बोलना : "नियत करता हूँ मैं फजर की 2 रकात सुन्नत नमाज अदा करने की, अल्लाह के लिए, मुँह मेरा काबा-ए-शरीफ के तरफ, पिच इस इमाम , वास्ते अल्लाह ताला के, अल्लाह हु अकबर। "
पहली रकात :
तकबीर-ए-तहरीमा:
- हाथ उठाकर कान तक ले जाएं और "अल्लाहु अकबर" कहकर हाथ बंद लें।
हाथ बांधने का तरीका:
- दायीं हाथ को बायीं हाथ पर रखें, नाफ के नीचे।
सना:
- "सुभानकल्लाहुम्मा वा बिहम्दिका, वा तबरकास्मुका, वा ता'आला जद्दुका, वा ला इलाहा ग़यरुक।"
क़िरात:
- सूरह अल-फ़ातिहा: "बिस्मिल्लाह-इर-रहमान-इर-रहीम। अल्हम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन..."
- सूरह: कोई भी सूरह पढ़ सकते हैं, सूरह अल-इखलास पर।
रुकू:
![]() |
fajar-ki-2-rakat-sunnat-namaz-padhne-ka-sahi-sunni-tarika |
- "अल्लाहु अकबर" कह कर रुकू में जाएं। "सुभाना रब्बियाल अधीम" तीन मर्तबा पढें।
क़ौमा:
- "समी अल्लाहु लिमन हमीदा" कहकर खड़े हो जाएँ। "रब्बाना लकल हम्द" पढें।
सजदा:
![]() |
fajar-ki-2-rakat-sunnat-namaz-padhne-ka-sahi-sunni-tarika |
- "अल्लाहु अकबर" कह कर सजदा में जाएँ।
- "सुभाना रब्बियाल अला" तीन मर्तबा पढ़े।
- फिर "अल्लाहु अकबर" कहकर सजदा से उठकर जलसा (बैठना) करें।
- दोबारा "अल्लाहु अकबर" कह कर दूसरा सजदा करें, "सुभाना रब्बियाल अला" तीन मर्तबा।
दूसरी रकात
- तकबीर-ए-तहरीमा: खड़े होते ही "अल्लाहु अकबर" कहकर हाथ बंद लें।
क़िरात:
- सूरह अल-फ़ातिहा: "बिस्मिल्लाह-इर-रहमान-इर-रहीम। अल्हम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन..."
- सूरह: कोई भी सूरह, सूरह अल-फ़लक पर आम तोर।
रुकू:
- "अल्लाहु अकबर" कह कर रुकू में जाएं। "सुभाना रब्बियाल अधीम" तीन मर्तबा पढें।
क़ौमा:
- "समी अल्लाहु लिमन हमीदा" कहकर खड़े हो जाएँ। "रब्बाना लकल हम्द" पढें।
सजदा:
- "अल्लाहु अकबर" कह कर सजदा में जाएँ। "सुभाना रब्बियाल अला" तीन मर्तबा पढ़े।
- फिर "अल्लाहु अकबर" कहकर सजदा से उठकर जलसा (बैठना) करें।
- दोबारा "अल्लाहु अकबर" कह कर दूसरा सजदा करें, "सुभाना रब्बियाल अला" तीन मर्तबा।
तशह्हुद (बैठना):
![]() |
fajar-ki-2-rakat-sunnat-namaz-padhne-ka-sahi-sunni-tarika |
- दूसरे सजदे के बाद बैठ जाएँ और यह दुआ पढ़ें:
- "अत्तहियातु लिल्लाहि वास सलावतु वत तय्यिबत। अस्सलामु अलैका अय्युहन नबीयु वा रहमतुल्लाहि वा बरकातुह। अस्सलामु अलैना वा अला इबादिल्लाहिस सालेहीन। अशहादु अन ला इलाहा इल्लल्लाहु वा अशहादु अन्ना मुहम्मदन अब्दुहु वा रसूलुह।"
दुरूद:
- "अल्लाहुम्मा सल्ली अला मुहम्मदीन वा अला आली मुहम्मदीन कामा सल्लैता अला इब्राहीमा वा अला आली इब्राहिमा इन्नाका हमीदुम मजीद। अल्लाहुम्मा बारीक अला मुहम्मदीन वा अला आली मुहम्मदीन कामा बरकता अला इब्राहीमा वा अला आली इब्राहिमा इन्नाका हमीदुम मजीद।"
दुआ:
- "रब्बाना अतीना फ़िद -दुनिया हसनतन वा फ़िल-आख़िरती हसनतन वा क़िना अज़बन-नार।"
सलाम:
![]() |
fajar-ki-2-rakat-sunnat-namaz-padhne-ka-sahi-sunni-tarika |
- पहली दहिनी तरफ़ से मुन्ह फ़ेर के: "अस्सलामु अलैकुम वा रहमतुल्लाह।"
- फिर बयानी तरफ़ से मुन्ह फ़ेर के: "अस्सलामु अलैकुम वा रहमतुल्लाह।"
नमाज़ के बाद की दुआ
- अस्तगफिरुल्लाह तीन मर्तबा. "अल्लाहुम्मा अन्तस सलाम व मिनकस सलाम तबारकता या धल जलाली वल इकराम।"
- आयत-उल-कुर्सी: "अल्लाहु ला इलाहा इल्ला हुवा अल-हय्युल कय्यूम..."
तस्बीह:
- "सुभानल्लाह" 33 मर्तबा,
- "अल्हम्दुलिल्लाह" 33 मर्तबा,
- " अल्लाहु अकबर" 34 मर्तबा।
इस तारीख से आप "फजर की 2 रकात सुन्नत नमाज़" मुकम्मल तौर पर सही सुन्नी तारीख से अदा कर सकते हैं। अल्लाह आपकी इबादत कुबूल फरमाए। आमीन।
Fajar ki 2 Rakat SUnnat namaz Padhne Ka Sahi Sunni Tarika
जज़ाकअल्लाह खैर हमारी वेबसाइट "Fajar ki 2 Rakat Sunnat Namaz Padhne Ka Sahi Sunni Tarika" पर आने के लिए। उम्मीद है कि आपको हमारी step-by-step हिदायत दी जाएगी, जो नमाज पढ़ने, समय और तरीके के हवाले से है, मुफीद और आसान लगेगी। यह संसाधन आपकी मदद के लिए है, ताकि आप हर नमाज को सही तरीके से अदा कर सकें, और फर्ज नमाज कैसे पढ़ जाता है और हर रुकू और सजदे में कुछ आयतें पढ़ी जाती हैं, यह समझ सके। हमारी कोशिश यही है कि आपका सफर खुशी और बरकत से भरा रहे।
COMMENTS