Isha Ki 4 Rakat Farz Namaz Padhne Ka Sahi Sunni Tarika
अस्सलाम अलयकुम! आपका स्वागत है हमारे "Isha Ki 4 Rakat Farz Namaz Padhne Ka Sahi Sunni Tarika" गाइड पर।
यहां हम कुरान की शिक्षाओं, हदीस और इस्लामी literature से सही सीख गए हैं और सरल तरीके से Prayer पढ़ने का तरीका पेश करते हैं।
अगर आप Prayer के method में नए हैं या अपने अमल को बेहतर बनाना चाहते हैं, तो हमारा आसन और मुकम्मल दृष्टिकोण आपको Salah के timings बताएगा और उसकी हिंदी में तफ़सील से पढ़ने की सही method को समझने के लिए।
मैं इरफान शेख, एक अनुभवी ब्लॉगर, जो 5 साल से मुफ्त ऑनलाइन जानकारी शेयर करता आया हूं, आपके लिए यह गाइड तैयार किया है।
हर विवरण कुरान और हदीस की रोशनी में दी गई है, जिससे आप ईशा सलाह को सही तरीके से अदा कर सकें। चलिए, चलते हैं इस अहम इबादत के महारत को हासिल करने की राह पर साथ में।
Isha Ki 4 Rakat Farz Namaz Padhne Ka Sahi Sunni Tarika
1. नमाज़ की तैयारी:
- अपने जिस्म और कपड़े साफ़ कर लें।
- नमाज़ के लिए एक साफ और शांत जगह चुनें।
- ईशा की नमाज़ का सही वक़्त जांच लें।
2. नमाज़ की नियत का तरीका:
- दिल में नियत करें कि अल्लाह के लिए ईशा की 4 रकात फर्ज नमाज अदा करनी है।
3. पहली रकात (पहली रकात):
- तकबीर-ए-तहरीमा: अपने हाथ कानो तक उठाकर "अल्लाहु अकबर" कहकर नमाज़ शुरू करें।
- सना: तकबीर-ए-तहरीमा के बाद चुपके से "सुभाना कल्लाहुम्मा..." पढ़ें।
- क़िरात: सूरह अल-फ़ातिहा के बाद कोई और सूरह या क़ुरान की कुछ आयतें पढ़ें।
- रुकू (झुकना): "अल्लाहु अकबर" कहकर रुकू में जाएं, हाथ घुटनों पर रखें और तीन मर्तबा "सुभाना रब्बियाल अधीम" पढ़ें।
- क़ौमा: रुकू से उठकर "समी अल्लाहु लिमन हमीदा, रब्बाना लकल हम्द" पढ़ें।
- सजदा (प्रणाम): "अल्लाहु अकबर" कह कर सजदा में जाएं, सर, नाक, दोनो हाथ, दोनो घुटने और पैरों के अंगूठे ज़मीन पर रखें और तीन मर्तबा "सुभाना रब्बियाल आला" पढ़ें।
- जलसा (सजदों के बीच बैठना): दो सजदों के दरमियान थोड़ी देर के लिए बैठ जाएं।
- दूसरा सजदा: फिर से सजदा में जाएं और "सुभाना रब्बियाल आला" तीन मर्तबा पढ़ें।
4. दूसरी रकात (दूसरी रकात):
- तकबीर-ए-तहरीमा: खड़े होकर "अल्लाहु अकबर" कहकर दूसरी रकात की शुरुआत करें।
- सना: चुपके से "सुभाना कल्लाहुम्मा..." पढ़ें।
- क़िरात: सूरह अल-फ़ातिहा के बाद कोई और सूरह या क़ुरान की कुछ आयतें पढ़ें।
- रुकू: फिर से रुकू में जाएं और "सुभाना रब्बियाल अधीम" तीन मर्तबा पढ़ें।
- क़ौमा: रुकू से उठकर "समी अल्लाहु लिमन हमीदा, रब्बाना लकल हम्द" पढ़ें।
- सजदा: पहली रकात की तरह सजदा में जाएं।
- जलसा: दूसरी सजदा के बाद थोड़ी देर के लिए बैठ जाएं।
5. तीसरी रकात (तीसरी रकात):
- तकबीर-ए-तहरीमा: खड़े होकर "अल्लाहु अकबर" कहकर तीसरी रकात की शुरुआत करें।
- सना: चुपके से "सुभाना कल्लाहुम्मा..." पढ़ें।
- क़िरात: सूरह अल-फ़ातिहा के बाद कोई और सूरह या क़ुरान की कुछ आयतें पढ़ें।
- रुकू: फिर से रुकू में जाएं और "सुभाना रब्बियाल अधीम" तीन मर्तबा पढ़ें।
- क़ौमा: रुकू से उठकर "समी अल्लाहु लिमन हमीदा, रब्बाना लकल हम्द" पढ़ें।
- सजदा: पहली और दूसरी रकात की तरह सजदा में जाएं।
- जलसा: दूसरी सजदा के बाद थोड़ी देर के लिए बैठ जाएं।
6. चौथी रकात:
- तकबीर-ए-तहरीमा: खड़े होकर "अल्लाहु अकबर" कहकर चौथी रकात की शुरुआत करें।
- सना: चुपके से "सुभाना कल्लाहुम्मा..." पढ़ें।
- क़िरात: सूरह अल-फ़ातिहा के बाद कोई और सूरह या क़ुरान की कुछ आयतें पढ़ें।
- रुकू: फिर से रुकू में जाएं और "सुभाना रब्बियाल अधीम" तीन मर्तबा पढ़ें।
- क़ौमा: रुकू से उठकर "समी अल्लाहु लिमन हमीदा, रब्बाना लकल हम्द" पढ़ें।
- सजदा: पहली, दूसरी और तीसरी रकात की तरह सजदा में जाएं।
- जलसा: दूसरी सजदा के बाद थोड़ी देर के लिए बैठ जाएं।
7. तशह्हुद (बैठकर पढ़ना):
चार रकात पूरी करने के बाद तशह्हुद के लिए बैठ जाएँ और इसे पढ़ें:
- "अत-तहियातु लिल्लाहि, व-सलावतु, वत-तय्यिबातु..."
दुरूद इब्राहीम पढ़ें:
- "अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदीन वा अला अली मुहम्मदीन..."
अपनी शाख्सियत के लिए दुआ करें।
8. सलाम (सलाह का समापन):
- नमाज को मुकम्मल करने के लिए अपना चेहरा दहीने तरफ किया हुआ "अस्सलामु अलैकुम वा रहमतुल्लाह" कहें और फिर बयिन तरफ वही कहें।
ईशा की 4 रकात फर्ज नमाज़ को इस तरह अदा करके, हर कदम को समझ कर और खुलूस के साथ अदा करने से आपकी नमाज़ क़ुबूल और मबरूर होगी। अल्लाह हम सबको हिदायत दे और सही रास्ते पर चलने की तौफीक अता फरमाए
Isha Ki 4 Rakat Farz Namaz Padhne Ka Sahi Sunni Tarika
इफ्तिताह की दुआ को सही तरह से लेकर रुकू और सजदे तक, "इशा की 4 रकात फर्ज नमाज पढ़ने का सही सुन्नी तरीका" को समझना और अदा करना आपके रूहानी सफर को अमीर बनाता है और आपकी अल्लाह से तआला की मंज़ूरी को मज़बूत करता है है.
याद रखें, फिजिकल अमल से ज्यादा इस अमल में इबादत और तफक्कुर का गहरा मकसद है। चाहे आप रुकू और सजदे के दोरान सही तवज्जुह जानते हों या Namaaz के बाद क्या दुआ करनी चाहिए,
हमारा गाइड आपकी रूहानी तरक्की में मददगार साबित हो सकता है। हमारे गाइड में और तफ़सील से जानने के लिए खुद से समझने की कोशिश करें।
COMMENTS