अस्सलामु अलैकुम! हमारी वेबसाइट पर आपको खुशखबरी है, जो "Qaza Namaz ka Padhne Ka Sahi Sunni Tarika" पर बेस है। अगर आपने कभी नमाज़ छ...
अस्सलामु अलैकुम! हमारी वेबसाइट पर आपको खुशखबरी है, जो "Qaza Namaz ka Padhne Ka Sahi Sunni Tarika" पर बेस है।
अगर आपने कभी नमाज़ छोड़ी या छूटी है और सही तरीके से Salah पढ़ना चाहते हैं, तो आप सही जगह पर हैं।
हमारी step-by-step guide में आपको फजर Prayer , जौहर Salat , असर प्रार्थना, मगरिब Namaaz और ईशा सलाह के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी। आपको नमाज़ के समय, रकात की तड़प और दुआएँ हिंदी में आसान तरीकों से समझी गई हैं।
असल में कज़ा Solat कैसे पढ़ते हैं, रुकू और सजदे में क्या पढ़ जाता है, और नवाफ़िल Namajकैसे पढ़ी जाती है।
हमारा मकसद है आपको कुरान, हदीस और इस्लामी किताबों पर आधारित आसान और सही Method बताना। आइए, इस रूहानी सफर को मिलकर मुकम्मल करते हैं और अपनी इबादत को सही और इखलास के साथ अदा करते हैं।
Qaza Namaz ka Padhne Ka Sahi Sunni Tarika
1. गुसल का तरीका :
- नियत: दिल से नीयत करें कि आप पाक होने के लिए गुसल कर रहे हैं।, बिस्मिल्लाह, हाथ धोना, नजासा साफ करना, वज़ू करना, सर धोना, जिस्म धोना, पांव धोना, आखिर में पांव धोएं। यकीनन पानी पूरे जिस्म पर पोहोंच गया है।
2. वज़ू का तरीक़ा :
- नियत, बिस्मिल्लाह, हाथ धोना, कुल्ली करना, नाक में पानी डालना, मूँह धोना, हाथौं धोना, सर का मासाह, कानों का मासाह, पांव धोना
3. Namaz ki Tayyari
![]() |
qaza-namaz-ka-padhne-ka-sahi-sunni-tarika |
- पहले नीयत करें कि आप किस वक़्त की क़ज़ा नमाज़ पढ़ रहे हैं।
4. Qaza Namaz Ki Niyat ka Tarika
- नियत: "नियत करता हूँ (फलानी) वक्त की कज़ा नमाज़, अल्लाह के लिए, मुँह मेरा काबा शरीफ़ की तरफ़, अल्लाहु अकबर।"
5. पहली रकात - Pehli Rakat
- तकबीर-ए-तहरीमा: अल्लाहु अकबर कह कर हाथ उठाएं और फिर नीचे बंद लें।
- सना: सुभानका अल्लाहुम्मा वा बिहम्दिका वा तबरकसमुका वा ताअला जद्दुका वा ला इलाहा ग़यरुक।
- औज़ुबिल्लाह: औज़ुबिल्लाही मिनाश शैतानिर राजीम।
- बिस्मिल्लाह: बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम।
- सूरह फातिहा: अल्हम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन... (पूरा परहीन) और फिर आमीन कहीं।
- क़िरात: कोई भी एक सूरह पढ़े, जैसे सूरह इखलास।
- रुकू: अल्लाहु अकबर कह कर रुकू में जाएं, और सुभाना रब्बियाल अज़ीम 3 मर्तबा परहें।
![]() |
qaza-namaz-ka-padhne-ka-sahi-sunni-tarika |
- क़ौमा: समिअल्लाहु लिमन हमीदा कह कर उठ कर सीधे खड़े हो जाएं, और रब्बाना लकल हम्द कहीं।
- सजदा: अल्लाहु अकबर कह कर सजदा में जाएं, और सुभाना रब्बियाल अला 3 मर्तबा परहें।
![]() |
qaza-namaz-ka-padhne-ka-sahi-sunni-tarika |
- जलसा: अल्लाहु अकबर कह कर सजदे से उठ कर बैठें।
- दूसरा सजदा: अल्लाहु अकबर कह कर दूसरा सजदा करें, और सुभाना रब्बियाल अला 3 मर्तबा पढ़ें।
- क़ियाम: अल्लाहु अकबर कह कर दूसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।
6. दूसरी रकात - Dusri Rakat
- अज़ुबिल्लाह: अज़ुबिल्लाही मिनाश शैतानिर राजीम।
- बिस्मिल्लाह: बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम।
- सूरह फातिहा: अल्हम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन... (पूरा परहीन) और फिर आमीन कहीं।
- क़िरात: कोई भी एक सूरह पढ़े, जैसे सूरह इखलास।
- रुकू: अल्लाहु अकबर कह कर रुकू में जाएं, और सुभाना रब्बियाल अज़ीम 3 मर्तबा परहें।
- क़ौमा: समिअल्लाहु लिमन हमीदा कह कर उठ कर सीधे खड़े हो जाएं, और रब्बाना लकल हम्द कहीं।
- सजदा: अल्लाहु अकबर कह कर सजदा में जाएं, और सुभाना रब्बियाल अला 3 मर्तबा परहें।
- जलसा: अल्लाहु अकबर कह कर सजदे से उठ कर बैठें।
- दूसरा सजदा: अल्लाहु अकबर कह कर दूसरा सजदा करें, और सुभाना रब्बियाल अला 3 मर्तबा पढ़ें।
- तशह्हुद: अल्लाहु अकबर कह कर बैठ जाएं, और अत्तहिय्यातु लिल्लाहि वस सलावतु वत तय्यिबत... (पूरा परहें)।
- जब अशहादु ला इलाहा इल्लल्लाह कहीं, तब शहादत की उंगली उठाई और इल्लल्लाह पर नीचे गिरा दें।
7. तीसरी रकात - Teesri Rakat
- अज़ुबिल्लाह: अज़ुबिल्लाही मिनाश शैतानिर राजीम।
- बिस्मिल्लाह: बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम।
- सूरह फातिहा: अल्हम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन... (पूरा परहीन) और फिर आमीन कहीं।
- क़िरात: कोई भी एक सूरह पढ़े, जैसे सूरह इखलास।
- रुकू: अल्लाहु अकबर कह कर रुकू में जाएं, और सुभाना रब्बियाल अज़ीम 3 मर्तबा परहें।
- क़ौमा: समिअल्लाहु लिमन हमीदा कह कर उठ कर सीधे खड़े हो जाएं, और रब्बाना लकल हम्द कहीं।
- सजदा: अल्लाहु अकबर कह कर सजदा में जाएं, और सुभाना रब्बियाल अला 3 मर्तबा परहें।
- जलसा: अल्लाहु अकबर कह कर सजदे से उठ कर बैठें।
- दूसरा सजदा: अल्लाहु अकबर कह कर दूसरा सजदा करें, और सुभाना रब्बियाल अला 3 मर्तबा पढ़ें।
- क़ियाम: अल्लाहु अकबर कह कर चौथी रकात के लिए खड़े हो जाएं।
8. चौथी रकात - Fourth Rakat
- औज़ुबिल्लाह: औज़ुबिल्लाही मिनाश शैतानिर राजीम।
- बिस्मिल्लाह: बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम।
- सूरह फातिहा: अल्हम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन... (पूरा परहीन) और फिर आमीन कहीं।
- क़िरात: कोई भी एक सूरह पढ़े, जैसे सूरह इखलास।
- रुकू: अल्लाहु अकबर कह कर रुकू में जाएं, और सुभाना रब्बियाल अज़ीम 3 मर्तबा परहें।
- क़ौमा: समिअल्लाहु लिमन हमीदा कह कर उठ कर सीधे खड़े हो जाएं, और रब्बाना लकल हम्द कहीं।
- सजदा: अल्लाहु अकबर कह कर सजदा में जाएं, और सुभाना रब्बियाल अला 3 मर्तबा परहें।
- जलसा: अल्लाहु अकबर कह कर सजदे से उठ कर बैठें।
- दूसरा सजदा: अल्लाहु अकबर कह कर दूसरा सजदा करें, और सुभाना रब्बियाल अला 3 मर्तबा पढ़ें।
![]() |
qaza-namaz-ka-padhne-ka-sahi-sunni-tarika |
- तशह्हुद: अल्लाहु अकबर कह कर बैठ जाएं, और अत्तहिय्यातु लिल्लाहि वस सलावतु वत तय्यिबत... (पूरा परहें)।
- जब अशहादु ला इलाहा इल्लल्लाह कहीं, तब शहादत की उंगली उठाई और इल्लल्लाह पर नीचे गिरा दें।
- दुरूद इब्राहीम: अल्लाहुम्मा सल्ली अला मुहम्मद... (पूरा परहीन)।
- दुआ-ए-मसूरा: रब्बाना अतीना फिद-दुनिया हसनतन... (पूरा परहीन)।
9. सलाम
![]() |
qaza-namaz-ka-padhne-ka-sahi-sunni-tarika |
- सलाम: पहले दाईयां तरफ़ देख कर अस्सलामु अलैकुम वा रहमतुल्लाह कहीं, फिर दाईयां तरफ़ देख कर अस्सलामु अलैकुम वा रहमतुल्लाह कहीं। नमाज के बाद की दुआ
10. Namaz Ke Baad Ki Dua Ka Tarika
- नमाज के बाद अल्लाह से दुआ मांगें, अपने गुनाहों की माफ़ी मांगें, और अल्लाह का शुक्र अदा करें।
![]() |
qaza-namaz-ka-padhne-ka-sahi-sunni-tarika |
Qaza Namaz ka Padhne Ka Sahi Sunni Tarika
"Qaza Namaz ka Padhne Ka Sahi Sunni Tarika" पर हमारी साइट पर आने के लिए जज़ाकअल्लाह। हम उम्मीद करते हैं कि हमारी तफ़सील से गाइड्स समझ गए हैं, जो छूटी हुई Salah , जोहर Namaaz , असर Salat और दूसरी Solat पर हैं, आपके लिए मुफ़ीद साबित हुए हैं।
याद रखिए, Namaj को सही Method से अदा करना, नमाज़ के समय को समझना, और Prayer पढ़ने के बाद क्या करना चाहिए, हर मुसलमान के लिए ज़रूरी है। मेरा नाम इरफान शेख है और मेरे पास ब्लॉगिंग का काफी ताजुर्बान है।
मैं मुकम्मल मालूमात और कहानियां ऑनलाइन मुफ्त मालूमात विषयों पर साझा करता हूं। अल्लाह आपकी इबादत को कुबूल फरमाए और हम सब को सीधे रास्ते पर चलाए।
अगर आपको किसी भी क़िस्म की मदद चाहिए या कोई सवाल पूछना हो, तो ज़रूर राब्ता करें। नमाज पढ़ने के बाद, दुआ मांगें और अल्लाह से अपनी गलतियों की माफी मांगें। अल्लाह आपको खुश रखे और इबादत में इस्तकामत अता फरमाए।
COMMENTS