Salat-ul-Tawaf Namaz ka Padhne Ka Sahi Sunni Tarika
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सलात-उल-तवाफ़ एक खास नमाज़ है जो मुसलमान हज और उमराह के तवाफ़ पूरा करने के बाद अदा करते हैं, जो काबा के चारों तरफ घूमना है।
यह सुन्नत मुअक्कदा Namaj दो रकात से बनती है और इसे मक़ाम इब्राहीम के नजदीक या हरम में अदा किया जाता है।
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हर Namaaz जैसे Fajr, Maghrib, Isha और Jauhar की सही पढ़ाई को आप यहाँ से मदद ले सकते हैं, जो इस्लामी तौर-तरीकों पर सही और मुफस्सिल तारीख़ से बयान की गई है।
Salat-ul-Tawaf Namaz ka Padhne Ka Sahi Sunni Tarika
Namaz Ka Maqam (Place for Salah)
सलात-उल-तवाफ़ मक्का में काबा के चारों ओर तवाफ़ पूरा करने के बाद मक़ाम इब्राहीम (Place of Ibrahim) के पास या हरम (sacred mosque area) में कहीं भी किया पढ़ा जाता है।
1. Namaz Ki Rakat (Number of Rakats in Salah)
सलात-उल-तवाफ़ में 2 रकात होती हैं।
2. Namaz Ki Tayyari (Preparation for Salah)
नमाज़ पढ़ने से पहले तैयारी करें:
- जिस्म और कपड़े साफ़ रखें।
- साफ जगह चुनने नमाज पढने के लिए। नमाज़ की नियत का तरीका (नमाज़ के लिए इरादा)
3. Namaz Ki Niyat Ka Tarika (Intention for Salah)
- दिल में नीयत करें कि सलात-उल-तवाफ़ अदा करने के लिए।
4. पहली रकात (Pehli Rakat)
- तकबीर-ए-तहरीमा: दोनों हाथ कान तक उठाकर "अल्लाहु अकबर" कहकर नाबी के निचे हाथ बांध लें।
- सना: "सुभानकल्लाहुम्मा वा बिहम्दिका, वा तबारकस्मुका, वा ता'आला जद्दुका, वा ला इलाहा ग़यरुका।"
- क़िरात: इमाम सूरह अल-फ़ातिहा और एक सूरह पढ़ें, आम तौर पर सूरह अल-अला पर।
- रुकू (झुकना): "अल्लाहु अकबर" कहकर रुकू में जाएं और "सुभाना रब्बियाल अधीम" तीन बार पढ़ें।
- क़ौमा (रुकू के बाद खड़ा होना): रुकू से उठकर "समी अल्लाहु लिमन हमीदा, रब्बाना लकल हम्द" पढ़ें।
सजदा (Sajdah):
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- पहला सजदा: "सुभाना रब्बियाल अला" तीन बार पढ़ें।
- जलसा (बैठने की जगह): थोड़ी देर के लिए बैठें।
- दूसरा सजदा: फिर से "सुभाना रब्बियाल अला" तीन बार पढ़ें।
5. दूसरी रकात (Dusri Rakat)
- तकबीर-ए-तहरीमा: दोबारा "अल्लाहु अकबर" कहकर हाथ कानो तक उठाए और नीचे छोड़ दें।
- क़िरात: इमाम सूरह अल-फ़ातिहा और एक सूरह पढ़ें, आम तौर पर सूरह अल-ग़ाशिया पर।
- रुकू और सजदा: पहली रक़त जैसा रुकू और सजदा करें।
6. तशह्हुद
- तशह्हुद: दूसरा सजदा के बाद बैठें और अत्तहियात, सलात-ए-इब्राहिम और "रब्बाना अतिना" पढ़ें।
7. सलाम (Salaam )
नमाज़ को मुकम्मल करने के लिए सलाम फेर लें:
- "अस्सलामु अलैकुम वा रहमतुल्लाह" बयिनी तरफ़ मुन्ह फेर लें।
8. Namaz Ke Baad Ki Dua (Dua After Salah)
- नमाज के बाद अपनी दुआएं मांगें और अल्लाह से अपने मकसद और दुआओं को बयान करें।
Salat-ul-Tawaf Namaz ka Padhne Ka Sahi Sunni Tarika
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मेरा नाम इरफान शेख है और मैंने ब्लॉगिंग में सालों की मेहनत के साथ मुफ्त में तालीम और मालूमात को आगे बढ़ाने का काम किया है।
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